20 सितंबर 2025 - 09:22
अमेरिका और उसके साथियों ने बातचीत और डिप्लोमेसी के रास्ते बंद किए 

इरवानी ने ज़ोर दिया कि इस एकतरफा कदम से न सिर्फ परिषद की साख को नुकसान होगा बल्कि डिप्लोमेसी और परमाणु अप्रसार समझौते (NPT) को भी खतरा होगा।

ईरान के संयुक्त राष्ट्र में स्थायी प्रतिनिधि और राजदूत अमीर सईद इरवानी ने सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अमेरिका और यूरोपीय देशों ने एक तार्किक और संतुलित रास्ते को मानने के बजाए दबाव, जबरदस्ती और टकराव का रास्ता चुना है।

इरवानी ने कहा कि यह दिखाता है कि उनका असली मकसद डिप्लोमेसी नहीं बल्कि तनाव बढ़ाना है, और अब उन्हें खुद इस संकट की पूरी ज़िम्मेदारी लेनी होगी जो उन्होंने पैदा किया है।

उन्होंने कहा कि आज का फैसला जल्दबाज़ी में लिया गया, बेवजह और गैरकानूनी है, और ईरान इसे मानने के लिए बाध्य नहीं है। इसके गंभीर नतीजों की पूरी जिम्मेदारी अमेरिका और यूरोपीय देशों पर होगी, जिन्होंने ईरान पर झूठे आरोप लगाए और ज़ायोनी हमलों का रास्ता आसान किया।

इरवानी ने ज़ोर दिया कि इस एकतरफा कदम से न सिर्फ परिषद की साख को नुकसान होगा बल्कि डिप्लोमेसी और परमाणु अप्रसार समझौते (NPT) को भी खतरा होगा।

उन्होंने कहा कि ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम को न हमले से रोका जा सकता है, न ही पाबंदियों से, और न ही उसके अमन के रास्ते को बंद किया जा सकता है।

अंत में उन्होंने साफ किया कि डिप्लोमेसी के दरवाज़े बंद नहीं हैं, और ईरान खुद तय करेगा कि किसके साथ और किस आधार पर बातचीत और सहयोग करेगा।

आपकी टिप्पणी

You are replying to: .
टिप्पणीसंकेत
captcha